सरल सेवा समिति का अभिनव प्रयास
कुश्ठ आश्रम में नारायणों को गरमागरम डोसा वितरण
छत्तीसगढ़ी अग्रवाल के सहयोगी संस्थान सरल सेवा समिति, लिलि चैक रायपुर के महासचिव श्री भागीरथी अग्रवाल एवं पूर्व अध्यक्ष अग्रवाल समाज रायपुर ईकाई ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया पूर्व में भी सरल सेवा समिति अग्रवाल समाज के साथ मिलकर एक दो कार्यक्रम किया है। जिसमें अग्रेजी प्रषिक्षण का कार्य आज तक याद किया जाता है। इसी तारतम्य में सरल सेवा समिति ने वर्तमान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल के विचार को मूर्त रूप प्रदान किया है। तकरीबन चार साल पहले अनुराग ने कुश्ठ आश्रम में गरमागरम डोसा खिलाने का विचार का बीज दिया था। मैंने अपने पूर्व लेख में तकरीबन एक साल पहले लिखा था कि जैसा आप सोचेंगे वैसा ही आप कर पाएगे। लेख का षीर्शक था विचार मूर्त रूप लेते है। वह आज साबित है।
वाकया यह है कि उपरोक्त विचार ने चार साल बाद मूर्त रूप लिया। पण्डरी मंे एक आश्रम गंगा कुश्ठ आश्रम के नाम से है । मैं अपनी माता जी की कि कुछ खिलाने की इच्छा के कारण वहां गया यह पता करने कि कितने लोग है? तो पता लगा यहां 90 परिवार है और तकरीबन 147 लोग छोटे बड़े मिलाकर रहते है। मैंने उन्हें इडली खिलाने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने कहा नई साब हमन इडली खा खा कर पक गए है। या तो आप खाना खिला दें तो 4000/- देंगे तो सबके लिए एक साथ खाना बनेगा। खाना बना कर आपको बुलाएगे। मैंने कहा खाना तो रोज खाते हों आप लोगों का डोसा खाने का मन है क्या तो वे बोले हां साब हम लोग आज तक डोसा नहीं खाए है आप खिलाना चाहते हो तो 90 डोसा ला दो। मैं बोला सब अलिया जाएगा यदि आप सुबह 7 बजे नाष्ते में गरमा गरम डोसा खाना हो तो बताईए । वे सब दुआए देते हुए बोले आपका बड़ा मेहरबानी होगा साब । तो दिनांक 9 फरवरी 2014 रविवार तय किया गया उस दिन प्रातः 7ः00 बजे से 10 बजे तक 147 कुश्ठ परिवारजनों को गरमागरम डोसा बना कर खिलाया गया।
कुश्ठ आश्रम में नारायणों को गरमागरम डोसा वितरण
छत्तीसगढ़ी अग्रवाल के सहयोगी संस्थान सरल सेवा समिति, लिलि चैक रायपुर के महासचिव श्री भागीरथी अग्रवाल एवं पूर्व अध्यक्ष अग्रवाल समाज रायपुर ईकाई ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया पूर्व में भी सरल सेवा समिति अग्रवाल समाज के साथ मिलकर एक दो कार्यक्रम किया है। जिसमें अग्रेजी प्रषिक्षण का कार्य आज तक याद किया जाता है। इसी तारतम्य में सरल सेवा समिति ने वर्तमान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल के विचार को मूर्त रूप प्रदान किया है। तकरीबन चार साल पहले अनुराग ने कुश्ठ आश्रम में गरमागरम डोसा खिलाने का विचार का बीज दिया था। मैंने अपने पूर्व लेख में तकरीबन एक साल पहले लिखा था कि जैसा आप सोचेंगे वैसा ही आप कर पाएगे। लेख का षीर्शक था विचार मूर्त रूप लेते है। वह आज साबित है।
वाकया यह है कि उपरोक्त विचार ने चार साल बाद मूर्त रूप लिया। पण्डरी मंे एक आश्रम गंगा कुश्ठ आश्रम के नाम से है । मैं अपनी माता जी की कि कुछ खिलाने की इच्छा के कारण वहां गया यह पता करने कि कितने लोग है? तो पता लगा यहां 90 परिवार है और तकरीबन 147 लोग छोटे बड़े मिलाकर रहते है। मैंने उन्हें इडली खिलाने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने कहा नई साब हमन इडली खा खा कर पक गए है। या तो आप खाना खिला दें तो 4000/- देंगे तो सबके लिए एक साथ खाना बनेगा। खाना बना कर आपको बुलाएगे। मैंने कहा खाना तो रोज खाते हों आप लोगों का डोसा खाने का मन है क्या तो वे बोले हां साब हम लोग आज तक डोसा नहीं खाए है आप खिलाना चाहते हो तो 90 डोसा ला दो। मैं बोला सब अलिया जाएगा यदि आप सुबह 7 बजे नाष्ते में गरमा गरम डोसा खाना हो तो बताईए । वे सब दुआए देते हुए बोले आपका बड़ा मेहरबानी होगा साब । तो दिनांक 9 फरवरी 2014 रविवार तय किया गया उस दिन प्रातः 7ः00 बजे से 10 बजे तक 147 कुश्ठ परिवारजनों को गरमागरम डोसा बना कर खिलाया गया।
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